योजना की जानकारी
यीशु मसीह के दृष्टांतनमूना
असमान ऋणों को क्षमा करना
हालांकि ये दोनों भाग एक ही कहानी के दो विवरण नहीं हैं, इन दोनों का विषय क्षमा के सामर्थ्य से जुड़ा है। "इन दोनों भागों में यीशु क्षमा के सामर्थ्य के विषय में सिखाते हैं। पहले दृष्टांत में, यीशु एक ऐसे व्यक्ति को क्षमा के मूल्य के विषय में समझाते हैं जिसे स्वयं क्षमा की बहुत आवश्यकता है। दूसरे में, यीशु यह प्रस्तुत करते हैं कि क्योंकि उन्होंने हमारी ओर महान करुणा दर्शाई है, इसलिए हमें दूसरों की ओर महान करुणा दर्शानी चाहिए।" आप कितनी बार परमेश्वर द्वारा क्रूस पर आपके पाप की क्षमा के विषय में विचारते हैं?
क्या इसकी संभावनाएं अधिक हैं कि आप अपने पाप को अत्यंत मामूली प्रस्तुत करना चाहेंगे या इसकी कि आप उनकी क्षमा की बड़ाई करेंगे? आप कितनी बार स्वयं को प्रभु की क्षमा के लिए उनका धन्यवाद करते हुए पाते हैं? मत्ती में दिया गया विवरण दूसरों को क्षमा करने के हमारे उत्तरदायित्व के विषय में कड़ाई से बताता है। 35वे पद में यीशु हमें चेतावनी देते हैं कि यदि हम अपने भाइयों व बहनों को अपने हृदय से क्षमा नहीं करेंगे, तो वे हमें क्षमा नहीं करेंगे! यह चुनौती क्षमा न करने के पक्ष में कोई भी तर्क रद्द ठहराती है।
तो खुद से पूछें: आपको किसे क्षमा करने की आवश्यकता है? आप किसके विरोध कड़वाहट, क्रोध व विद्वेष रखते आ रहे हैं? जीवनसाथी, संतान, रिश्तेदार, मित्र या सहकर्मियों में कोई? क्या कोई ऐसा है जिससे आपको क्षमा मांगने की आवश्यकता है? आपको किसके समक्ष दीन होने की व अपनी किसी भूल के लिए क्षमा मांगने की आवश्यकता है?
हालांकि ये दोनों भाग एक ही कहानी के दो विवरण नहीं हैं, इन दोनों का विषय क्षमा के सामर्थ्य से जुड़ा है। "इन दोनों भागों में यीशु क्षमा के सामर्थ्य के विषय में सिखाते हैं। पहले दृष्टांत में, यीशु एक ऐसे व्यक्ति को क्षमा के मूल्य के विषय में समझाते हैं जिसे स्वयं क्षमा की बहुत आवश्यकता है। दूसरे में, यीशु यह प्रस्तुत करते हैं कि क्योंकि उन्होंने हमारी ओर महान करुणा दर्शाई है, इसलिए हमें दूसरों की ओर महान करुणा दर्शानी चाहिए।" आप कितनी बार परमेश्वर द्वारा क्रूस पर आपके पाप की क्षमा के विषय में विचारते हैं?
क्या इसकी संभावनाएं अधिक हैं कि आप अपने पाप को अत्यंत मामूली प्रस्तुत करना चाहेंगे या इसकी कि आप उनकी क्षमा की बड़ाई करेंगे? आप कितनी बार स्वयं को प्रभु की क्षमा के लिए उनका धन्यवाद करते हुए पाते हैं? मत्ती में दिया गया विवरण दूसरों को क्षमा करने के हमारे उत्तरदायित्व के विषय में कड़ाई से बताता है। 35वे पद में यीशु हमें चेतावनी देते हैं कि यदि हम अपने भाइयों व बहनों को अपने हृदय से क्षमा नहीं करेंगे, तो वे हमें क्षमा नहीं करेंगे! यह चुनौती क्षमा न करने के पक्ष में कोई भी तर्क रद्द ठहराती है।
तो खुद से पूछें: आपको किसे क्षमा करने की आवश्यकता है? आप किसके विरोध कड़वाहट, क्रोध व विद्वेष रखते आ रहे हैं? जीवनसाथी, संतान, रिश्तेदार, मित्र या सहकर्मियों में कोई? क्या कोई ऐसा है जिससे आपको क्षमा मांगने की आवश्यकता है? आपको किसके समक्ष दीन होने की व अपनी किसी भूल के लिए क्षमा मांगने की आवश्यकता है?
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
यह पाठ योजना आपको यीशु द्वारा सुनाये दृष्टांतों में से लेकर जायेगी, जिससे आप यह जान सकोगे कि उसके कुछ महान उपदेश आपके लिए कितना महत्त्व रखतें हैं! बहुत से दिनों की यह पठन योजना पाठकों को चिंतन-मनन करने का समय देती है और ...
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We would like to thank Trinity New Life Church for this plan. For more information, please visit: http://www.trinitynewlife.com/