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निक्की गम्बेल के साथ एक साल में बाईबल 2024नमूना

निक्की गम्बेल के साथ एक साल में बाईबल 2024

दिन 9 का 366

चीज़ों को सही करने के लिए परमेश्वर पर भरोसा करें



मुझे और पिपा को साथ में क्रॉसवर्ड्स करने में मज़ा आता है। जब हम किसी संकेत शब्द पर अटक जाते हैं तो हम हार नहीं मानते, बल्कि हम अगले संकेत शब्द पर बढ़ते हैं। जब भी हमें उत्तर मिलता है तो यह हमें और भी संकेत शब्द को हल करने में मदद करता है। अंत में, कभी - कभी हम लगभग सारी पहेली हल कर देते हैं (हालाँकि ऐसा कभी - कभी होता है)।

एक तरह से, बाइबल के कुछ मुश्किल भाग पढ़ना, क्रॉसवर्ड पहेली को हल करने जैसा होता है। पेचीदा भाग में फंसे रहने के बजाय, आप उन पद्यांशों का उपयोग कर सकते हैं जिन्हें आप समझ चुके हैं ताकि आप कुछ और मुश्किल पद्यांशों को हल कर सकें।

अक्सर मुझे बाइबल में कुछ मुश्किल पद्यांशों को समझने में कठिनाई आई है, लेकिन मुझे कुछ चीजों को समझना मुश्किल भी लगता है कि दुनिया में ऐसा क्यों होता है। यह मुझे अन्यायपूर्ण नज़र आता है। इसके लिए कोई आसान जवाब नहीं है।

मुझे कल के पद्यांश से दूसरा बढ़िया अलंकारिक प्रश्न अच्छा लगा। ‘क्या सारी पृथ्वी का न्यायी, न्याय न करे? ’ (उत्पत्ति 18:25)।

आप इस बात के लिए आश्वस्त हो सकते हैं कि अंतिम दिन में, जब सब कुछ प्रकट हो जाएगा, आप परमेश्वर का सिद्ध न्याय देखेंगे – तब हर कोई कहेगा, ‘यह बिल्कुल सही है’। चीज़ों को सही करने के लिए परमेश्वर के पास असीमित समय है। आज का हर एक पद्यांश हमें इस सच्चाई के बारे में बताता है कि, अंत में, *परमेश्वर चीज़ों* *को सही करेंगे।*

भजन संहिता 7:1-9



विश्वास कीजिये कि सच्चा न्याय होगा


कुछ लोग सोचते होंगे कि परमेश्वर पर भरोसा करने से, जो न्याय करते हैं, दुनिया में हिंसा होगी। वास्तव में ठीक इसका विपरीत होगा। जब लोग परमेश्वर के सच्चे न्याय पर भरोसा करना बंद कर देंगे, तो वे इसे अपने हाथों में लेने के लिए लालायित होंगे और अपने शत्रुओं से बदला लेने का प्रयास करेंगे।


दाऊद को भरोसा था कि न्याय होगा – यह कि परमेश्वर न्याय करेंगे और वह भी सच्चाई से न्याय करेंगे। ‘मुझ पर दोष लगाने वाले न्यायालय में भर गए हैं; यह न्याय का समय है। सिंहासन पर अपना स्थान ग्रहण कर, अपनी भूमि की चुँगी के लिए पहुँच, मेरे विरूद्ध लगाए गए गलत दोषों को फेंक दे। मैं तैयार हूँ, अपने फैसले पर स्थिर रह’ (पद - 7-8, एम.एस.जी.)। दूसरे शब्दों में, दाऊद को भरोसा था कि परमेश्वर उसके शत्रुओं से निपटेंगे।


यदि आपको विश्वास है कि परमेश्वर सच्चा न्याय करेंगे, तब आप इसे उनके हाथों में सौंप सकते हैं और वह करें जो यीशु ने कहा है: अपने शत्रुओं से प्रेम करें ’ (मत्ती 5:43-48; लूका 6:27-36 देखें)।


वास्तव में मिरोस्लॅव वॉल्फ ने इस तरह से लिखा है, ‘अहिंसा के समय दैवीय प्रतिशोध में विश्वास करने की जरूरत है, यदि लोग इस सच्चाई पर विश्वास करने लगें कि परमेश्वर खराई से न्याय करते हैं और हम उन पर भरोसा कर सकते हैं कि वह अंत में चीज़ों को सही कर देंगे, तो आज दुनिया भर की ज़्यादातर समस्याएं हल हो जाएँगी।



प्रभु,मैं आप में शरण लेता हूँ (भजन संहिता 7:1)। आपका धन्यवाद कि जब मैं आपके सिद्ध न्याय पर भरोसा करूँगा तो मुझे बदला लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि मैं अपने शत्रुओं से प्यार करूँगा और उन लोगों के लिए प्रार्थना करूँगा जो मुझे सताते हैं (मत्ती 5:44)।


मत्ती 7:24-8:22



यीशु पर विश्वास कीजिये, जिन्हें परमेश्वर ने सभी न्याय सौंपे हैं


यीशु घरों को बनाने के बारे में सब कुछ जानते थे। वह मिस्त्री का काम करते थे और उन्होंने सुतार के रूप में काम किया था। जिस उदाहरण का उन्होंने प्रयोग किया है वह वास्तविक और व्यवहारिक है: दो व्यक्ति जिन्होंने घर बनाने का निर्णय लिया (7:24-26)। इसमे कोई शक नहीं कि उनका इरादा इसमें रहने का और इसका आनंद मनाने का था, शायद अपने परिवार वालों के साथ। दोनों ऐसा घर बना रहे थे जो लंबे समय तक टिके। हमारा जीवन उन घरों के समान हैं, परंतु उनका महत्त्व अनंत काल के लिए है।


किसी भी घर की महत्त्वपूर्ण विशेषता उसकी नींव होती है। ये घर दिखने में थोड़े अलग होंगे। लेकिन ‘एक घर की नींव चट्टान पर बनी हुई थी’ (पद - 25)। उसी तरह से, दो जीवन एक जैसे दिख सकते हैं, लेकिन उनकी नींव में फर्क तब प्रमाणित होगा जब अचानक से जीवन में तूफान आएगा।


आप इस दुनिया में चुनौतियों का सामना करते हैं। ये कई तरह से आती हैं: गलतफहमियाँ, निराशा, अपूर्ण इच्छाएं, शंका, परीक्षा, लालसा, दु:ख और शैतानी आक्रमण। सफलता भी एक परीक्षा हो सकती है। और कभी - कभी दबाव, तकलीफ, बीमारी, वियोग, दु:ख, सदमा, त्रासदी, सताव और असफलता भी।


अंत में हम सभी को मृत्यु और परमेश्वर के न्याय का सामना करना पड़ेगा। यहेजकेल में परमेश्वर के न्याय को संदर्भित करने के लिए ‘बरसात …. तूफान …. आँधी’ की छवि बताई गई है,लेकिन पुराने नियम में न्याय की भाषा सीमित नहीं है। यहाँ और कई जगहों पर, यीशु हमें आने वाले न्याय की चेतावनी देते हैं, जैसा कि नये नियम के अन्य लेखकों ने दिया है।


‘जब मेंह बरसा और बाढ़ आई, और आन्धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं,’ (मत्ती 7:25,27), परन्तु वह नहीं गिरा, क्योंकि उस की नींव चट्टान पर डाली गई थी। (पद - 25), लेकिन जो बालू पर बनाया गया था,‘वह गिरकर सत्यानाश हो गया’ (पद - 27)। परीक्षा इस जीवन में हो सकती है या न्याय के दिन में आ सकती है। यीशु के अनुसार इसे निश्चित ही आना है।


फिर भी, आपको भय में जीना है। यह आसान नहीं है, लेकिन इसकी निश्चितता का एक उपाय है, जब आपके घर की नींव की जाँच की जाए, तो यह मज़बूत रहे। यह जानना संभव है कि आपका जीवन सुरक्षित है या नहीं।


यीशु हमें बताते हैं कि मुख्य फर्क यह है कि बुद्धिमान मनुष्य यीशु के वचनों को सिर्फ सुनता ही नहीं, बल्कि इसे मानता भी है (पद - 24)। दूसरी तरफ, मूर्ख मनुष्य, हालाँकि वह यीशु के वचनों को सुनता है लेकिन उस पर चलता नहीं है।


ज्ञान को कार्य में लाना ज़रूरी है – हमारा सिद्धांत, हमारे जीवन को प्रभावित करना चाहिये वरना हम अपने घर बालू पर बना रहे हैं।


यीशु के वचन, सबसे पहले, उन पर विश्वास करने की बुलाहट है (यूहन्ना 6:28-29)। हमारा उद्धार यीशु में विश्वास करने और आज्ञा पालन से जीने में है।


आप यीशु के न्याय पर पूरी तरह से भरोसा कर सकते हैं, क्योंकि परमेश्वर ने स्वयं उन्हें अधिकार दिया है। यीशु सूबेदार के विश्वास को देखकर चकित हो गए। उन्होंने कहा,‘मैं तुम से सच कहता हूं, कि मैं ने इस्राएल में भी ऐसा विश्वास नहीं पाया। ’ (मत्ती 8:10)।


उसका यह विश्वास साबित हुआ क्योंकि सूबेदार ने विश्वास किया कि यीशु के कहने ही से उसके सेवक को चँगाई मिल सकती है (पद - 8)। उसके विश्वास का मूल आधार काफी गहरा था। सूबेदार जान गया, जैसा कि सेना में होता है,किसी व्यक्ति को अधिकार तब मिलता है जब वह किसी के अधिकार के नीचे होता है – इसलिए यीशु का अधिकार अपने पिता के अधीन रहने से आता है। सूबेदार ने देखा कि जब यीशु बोले, तो परमेश्वर बोले।


इसके अलावा, यह सिद्ध न्याय किसी मनुष्य की तकलीफ से अलग नहीं है। हम जानते हैं, यीशु ने अन्याय का अनुभव, कारावास, यंत्रणा और सूली पर चढ़ कर अनुभव किया। लेकिन इस पद्यांश में हम देखते हैं कि उन्होंने बीमारी का भी अनुभव किया (हमारी ओर से, पद - 17) और बल्कि बेघर होने का भी (पद - 20)। ऐसी बहुत कम तकलीफें होंगी जिसका अनुभव यीशु ने नहीं किया।



पिता, आपका धन्यवाद कि मेरी कमज़ोरियों में केवल यीशु ही मुझे सांत्वना देते हैं, लेकिन उन्होंने मेरे पापों का दंड भी खुद पर ले लिया ताकि मुझे डरना न पड़े।


उत्पत्ति 19:1-20:18



विश्वास करें कि सारी धरती का न्यायी सबकुछ सही कर देगा


कल हमने देखा कि अब्राहम ने सदोम और गमोरा के लिए याचना की। हम नहीं जानते कि उनके पाप क्या थे, लेकिन ‘प्रभु ने कहा,“सदोम और अमोरा की चिल्लाहट बढ़ गई है, और उनका पाप बहुत भारी हो गया है; ” (18:20)।


आज के पद्यांश से ऐसा प्रतीत होता है कि उनके पाप में सामूहिक बलात्कार की भयानक प्रथा शामिल थी (19:3,5)। हम यहेजकेल 16 में पढ़ते हैं कि उनके पाप में घमंड, पेट भर के भोजन करना, बेपरवाह होना शामिल था; उन्होंने गरीबों और ज़रूरत मंदों की कभी मदद नहीं की’ (यहेजकेल 16:49)।


परमेश्वर कहते हैं कि यदि सदोम और गमोरा में दस धर्मी जन भी होते तो उनकी खातिर मैं इसका नाश न करूँगा: ‘मैं दस के कारण भी उसका नाश न करूंगा। ’ (उत्पत्ति 18:32)। उन्होंने केवल धर्मी जन को चले जाने का हर एक अवसर दिया। ‘जब लूत हिचकिचाया, तब स्वर्गदूत ने उसका और उसकी पत्नी का और उसकी बेटियों का हाथ पकड़ा और उन्हें सुरक्षित रीति से शहर के बाहर ले गया, क्योंकि प्रभु की दया उन पर थी’ (19:16)।


लूत की पत्नी पर न्याय काफी गंभीर लगता है (पद - 26)। इसके पीछे चाहें जो भी कारण हो (और मुझे विश्वास नहीं है कि मुझे उत्तर पता है) परंतु यह निश्चित ही एक उदाहरण स्थापित करता है। यीशु ने कहा, 'लूत की पत्नी को याद करो!'(लूका 17:32)। हमें पीछे मुड़कर नहीं देखना है। यदि हमने पापमय जीवन छोड़ दिया है, तो हमें फिर से इसमें नहीं जाना है। उन्हें कहा गया था, 'अपने जीवन की खातिर भागो! (उत्पत्ति 19:17)। उसी तरह से,हमें भी बुरी इच्छाओं को त्यागने के लिए कहा गया है (2 तीमुथियुस 2:22)।


बल्कि अब्राहम भी पाप के बिना नहीं था। निश्चित ही, उसने वही पाप बार - बार दोहराया – सारा को अपनी पत्नी के रूप में भेजना और उसे लगभग व्यभिचार करने को उकसाना। बाइबल का सन्देश यह है कि परमेश्वर केवल पापियों को बचाते ही नहीं हैं, बल्कि वे पापियों का उपयोग भी करते हैं। उन्होंने अब्राहम को आशीष दी और उसकी प्रार्थना का उत्तर दिया (उत्पत्ति 20:7)। हमारे पाप के बावजूद परमेश्वर हमारा उपयोग करते हैं क्योंकि वह दयालु हैं और परमेश्वर ने, यीशु में, खुद पर सज़ा ली है।



प्रभु, न्याय के दिन के लिए मसीह का क्रूस मुझ में जो बदलाव लाता है उसके लिए आपका धन्यवाद। आपका धन्यवाद, क्योंकि मैं विश्वास कर सकता हूँ कि, अंत में,सारी पृथ्वी का न्यायी सब कुछ सही कर देगा।


Pippa Adds



मत्ती 8:6


“प्रभु,” उसने कहा,“मेरा सेवक घर में झोले का मारा बहुत दुखी पड़ा है। ”


सूबेदार ने केवल अपने परिवार और दोस्तों की चिंता की, बल्कि उसके लिए भी जिसने उसके लिए कार्य किया था। हालाँकि सूबेदार एक बाहरी व्यक्ति था और उसके ‘धार्मिक समुदाय’ का हिस्सा नहीं था, वह अपने सेवक के लिए यीशु के पास गया। विश्वास हर तरह की अनपेक्षित जगहों में पाया जा सकता है।



References



संदर्भ:

मिरोस्लॅव वोल्फ, *एक्स्क्लूजन एंड एम्ब्रेस,* (एबिंग्डन प्रेस, 1994) पन्ने 303-304

जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।

जिन वचनों को (एएमपी) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है। कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। ([www.Lockman.org](http://www.lockman.org))

जिन वचनों को (MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002। जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।
दिन 8दिन 10

इस योजना के बारें में

निक्की गम्बेल के साथ एक साल में बाईबल 2024

यह योजना एक वाचक को पुरे साल में प्रति दिन वचनों की परिपूर्णता में, पुराने नियम, नये नियम, भजनसंहिता और नीतिवचनोंको पढ़ने के सात सात ले चलती हैं ।

हम इस योजना को प्रदान करने के लिए Nicky & Pippa Gumbel को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: bible.alpha.org/hi/

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