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निक्की गम्बेल के साथ एक साल में बाईबल 2024नमूना

निक्की गम्बेल के साथ एक साल में बाईबल 2024

दिन 366 का 366

आदि और अंत



एक युवा महिला ने मुझसे ये नीचे दिये गए प्रश्न पूछे: ‘स्वर्ग में कैसा होगा? हमारा स्वर्गीय शरीर कैसा दिखेगा? क्या हम उड़ सकेंगे? क्या हमारा लिंग नहीं होगा? क्या हम इदन के बगीचे को देख पाएंगे? क्या हम परिवार वालों और दोस्तों को पहचान पाएंगे? हमारी दोस्ती किस तरह की होगी? हम क्या करेंगे? क्या वहाँ पर बाइबल अध्ययन और अल्फा होगा? वहाँ की सभा के सदस्य कैसे होंगे?

बाइबल हमारे सभी प्रश्नों का जवाब नहीं देती।

मेरी किताबों की अलमारी में एक किताब है जिसका शीर्षक है, 50 शानदार घटनाएं जो अंत समय को दर्शाती हैं (50 रिमार्केबल इवेंट्स पॉइंटिंग टू द ऐंड। जिसे 1997 में लिखा गया था, ऐसा अनुमान था कि यीशु सन 2000 में वापस आ सकते हैं। यह अंतिम समय के अनुमान लगाने के तरीकों में से एक था जो गलत साबित हुआ। इसलिए टोनी कॅम्पोलो बुद्धिमानी से कहते हैं कि वह ‘योजना समिति’ के बजाय ‘स्वागत करने वाली समिति’ के सदस्य बनना चाहते हैं।

हमें नहीं बताया गया है कि अंत समय कब आएगा, लेकिन हमें कौन और कैसे के बारे में बताया गया है। मुख्य बात है कौन। यीशु कहते हैं, ‘मैं ही...... आदि और अंत हूँ’ (प्रकाशितवाक्य 22:13)। अवश्य ही आदि और अंत बहुत ही अलग नजर आते हैं। फिर भी, आदि और अंत में बहुत सी समानताएं हो सकती हैं।

भजन संहिता 150:1-6



आराधना के साथ आदि और अंत


अंतिम समय में परमेश्वर के सेवक, परमेश्वर की आराधना सभा अर्पित करेंगे, वे लोग उनके चेहरे को देखेंगे, उनके माथे परमेश्वर को प्रतिबिंबित करेंगे’ (प्रकाशितवाक्य 22:3, एमएसजी)। परमेश्वर को आमने सामने देखना ही हमारी अनंत आराधना की प्रतिक्रिया होगी।


भजनसंहिता की पुस्तक समाप्ति ‘हाल्लेलुयाह’ से होती है जिसका अर्थ है ‘प्रभु की स्तुती हो’ (भजनसंहिता 150:6ब)। भजनसंहिता की शुरूवात और समाप्ति ‘हाल्लेलुयाह’ (‘प्रभु की स्तुती’, वव 1,6) से होती है। हम सब को आराधना करने के लिए बुलाया गया है: ‘जितने प्राणी हैं सब के सब याह की स्तुति करें!’ (व.6)।



  1. हर जगह आराधना


ईश्वर के पवित्रस्थान में उसकी स्तुति करो; उसकी सामर्थ्य से भरे हुए आकाशमण्डल में उसी की स्तुति करो! (व. 1ब)।



  1. हर बात के लिए आराधना


उसके पराक्रम के कामों के कारण उसकी स्तुति करो; उसकी अत्यन्त बड़ाई के अनुसार उसकी स्तुति करो! (व. 2)।



  1. हर तरह से आराधना


आपके पास जितनी भी चीजें हैं उन सभी से परमेश्वर की आराधना करो, जिसमें वाद्य यंत्र और नृत्य भी शामिल हैं (वव. 3-5, एमएसजी)।



प्रभु, आपके महान पराक्रम के लिए और आपकी बड़ाई के कामों के लिए मैं आपकी स्तुती करता हूँ। सारी सृष्टि के सृष्टिकर्ता होने के बावजूद आप मुझ से प्रेम करते हैं इसलिए मैं आपकी स्तुती करता हूँ।


प्रकाशित वाक्य 22:1-21



यीशु से आदि और अंत


अंत यीशु के बारे में है। यह हमेशा से यीशु के बारे में रहा है। यह हमेशा यीशु के बारे में रहेगा। अब अपना जीवन, अपने विचार, अपनी सेवकाई, सुसमाचार का प्रचार और बाकी की सभी चीजें यीशु पर केन्द्रित करना शुरू कीजिये।


बाइबल का आरंभ यीशु से होता है। जैसा कि हम कल BiOY में देखेंगे, जब हम उत्पत्ति अध्याय 1 देखेंगे, तो सृष्टि की उत्पत्ति यीशु के द्वारा हुई है। ‘आदि में वचन था और वचन परमेश्वर के साथ था और वचन परमेश्वर था...... सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ। (यूहन्ना 1:1,3)।


बाइबल का अंत भी यीशु से होता है: ‘आमीन। हे प्रभु यीशु आ, प्रभु यीशु का अनुग्रह पवित्र लोगों के साथ रहे। आमीन॥’ (प्रकाशितवाक्य 22:20ब-21। वह ‘अल्फा और ओमेगा हैं, पहला और अंतिम, आदि और अंत’ (व. 13)।


इस लेखांश में हम देखते हैं कि अंत समय में दुनिया कैसी होगी। यह भाषा प्रतीकात्मक है, इसलिए यह सटीक उल्लेख नहीं है, लेकिन यह जीवन और आशीष की पूरी तस्वीर है। बाइबल का आरंभ और अंत ‘जीवन के पेड़’ से होता है’ जो कि परमेश्वर के आशीषित जीवन और अपने लोगों के लिए उनकी ‘अच्छी’ योजना का प्रतीक है।


नये स्वर्ग और नई पृथ्वी में, जीवन के जल की नदी होगी’ (व. 1)। यह यहेजकेल 47 में की गई भविष्यवाणी का पूरा होना है, जिसके बारे में यीशु ने यूहन्ना 7:37-39 में (“जीवन के जल की नदी”) के बारे में कहा है। इससे जाति जाति के लोग चंगाई पाएंगे (प्रकाशितवाक्य 22:2)। इसकी कितनी सख्त जरूरत होगी, देशों को और जाति जाति के लोग दोनों को। यह कितना अद्भुत होगा जब ‘संयुक्त राष्ट्र’ एक वास्तविकता हो जाएगा।


‘जीवन का वृक्ष बारह महीने फलता रहेगा’ (व. 2), जैसा आदि में हुआ करता था (जिससे मानव वंचित कर दिया गया था पाप के कारण), यह फिर से सभी के लिए उपलब्ध होगा। अदन के बगीचे का श्राप फिर न होगा (व.3)। कभी-कभी पेड़ (xylos) शब्द का उपयोग क्रूस को दर्शाने के लिए किया गया है (उदा. के लिए प्रेरितों के कार्य 5:30 देखिये)।


अंत में आप परमेश्वर के मुख को देखेंगे। कोई भी व्यक्ति परमेश्वर के मुख को देखकर जीवित नहीं रह सकता (निर्गमन 33:20), लेकिन नये स्वर्ग और नई पृथ्वी में, आप उनके मुख को देखेंगे और उनका नाम आपके माथे पर होगा (प्रकाशितवाक्य 22:4)। ‘और फिर रात न होगी, और उन्हें दीपक और सूर्य के उजियाले का प्रयोजन न होगा, क्योंकि प्रभु परमेश्वर आपको उजियाला देगा’ (व. 5अ), ‘और आप युगानुयुग राज्य करेंगे’ (व. 5ब)।


नये स्वर्ग और नई पृथ्वी में देखने के लिए बहुत कुछ होगा, यीशु ने वायदा किया है कि ‘मैं शीघ्र आने वाला हूँ’ (वव. 7,12,20)।


इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि ‘आत्मा, और दुल्हन (कलीसिया) दोनों कहती हैं, आ!’ और सुनने वाला भी कहें, कि ‘आ; और जो प्यासा हो, वह आए और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले’ (व. 17)।


यीशु के पास आने के लिए बाइबल एक बहुत बड़ा आमंत्रण है। उनमें आप अपने जीवन का अर्थ और उद्देश्य पाते हैं। इसमें का एक भाग दूसरों को आने का आमंत्रण देना है, ताकि वे जीवन के जल की ताजगी और पूर्णता प्राप्त करें, जिसे यीशु लोगों में उंडेलते हैं जो उनके पास आने वाले हैं।


पवित्र आत्मा और कलीसिया लोगों को बुलाती है उन अद्भुत उपहारों को और पवित्र नगर के आश्चर्यों को प्राप्त करने के लिए जिसे परमेश्वर ने उनके लिए रखा है (जैसा कि वव. 11अ, 15, 19 में है)। वे लोग यीशु के वापस आने के लिए प्रार्थना भी करते हैं – ‘हे प्रभु यीशु आ’ (व. 20)।



प्रभु आपको धन्यवाद कि, एक दिन मैं जीवन का जल पीऊँगा जिससे मेरा हृदय तृप्त हो जाएगा। आपको धन्यवाद कि मैं आपका मुख देखूँगा और मैं आपके साथ सदा के लिए राज करूँगा। हे प्रभु यीशु आ!


नहेमायाह 13:1-31



प्रेम से आदि और अंत


33\. संपूर्ण बाइबल की तरह नहेम्याह की पुस्तक की शुरूवात और समाप्ति प्रेम से होती है। नहेम्याह प्रार्थना से शुरू करता है कि, ‘हे स्वर्ग के परमेश्वर यहोवा, हे महान और भययोग्य ईश्वर! तू जो अपने प्रेम रखने वाले और आज्ञा मानने वाले के विष्य अपनी वाचा पालता है......’ (व. 1:5)।


34\. जब नहेम्याह की पुस्तक समाप्ति की ओर आती है, वह प्रार्थना करता है कि, ‘हे मेरे परमेश्वर! मेरे हित के लिये यह भी स्मरण रख और अपनी बड़ी करुणा के अनुसार मुझ पर तरस खा’ (13:22)।


35\. इस आखिरी अध्याय में, नहेम्याह के अंतिम शोधना को पढ़ते हैं। एक अच्छा अगुवा होने के नाते वह उन लोगों को चुनने का निर्णय लेता है जो ‘विश्वासयोग्य’ (व.13) और ‘भरोसा करने लायक’ (एमपी) हैं – ‘जो लोग ईमानदारी और कठिन परिश्रम’ के लिए जाने जाते थे (एमएसजी)। जॉयस मेयर लिखती हैं, ‘क्या आप जानते हैं कि परमेश्वर हमारी विश्वासयोग्यता की परीक्षा कैसे लेते हैं? वह कुछ समय के लिए हमें एक काम देते हैं कि हम वह काम करना चाहते हैं या नहीं, कुछ ऐसा काम जिसमे कोई मजा या रोमांच नहीं होता, कुछ ऐसा काम जिसमें हमें थोड़े समय के लिए किसी के अधिकार के अधीन रहना पड़ता है और वह हमारे दिल में कहेंगे, “बस विश्वासयोग्य बने रहो।”


“विश्वासयोग्यता यह नहीं है जिसे हम दिन प्रति दिन दिखाएं; इसे दिन प्रति दिन अच्छे व्यवहार और शानदार भावना के साथ प्रदर्शित करना होगा। परमेश्वर इस तरह की विश्वासयोग्यता का प्रतिफल देते हैं। लूका 16:12 हमें बताता है कि यदि हम दूसरों की चीजों के प्रति विश्वासयोग्य बने रहें तो परमेश्वर हमें खुद की चीजें देंगे। यदि विश्वासयोग्यता के क्षेत्र में आपकी परीक्षा ली जा रही है, तो विश्वासयोग्य और भरोसा किये जा सकने वाले व्यक्ति के रूप में स्थिर बने रहें। आपने जो किया उसके लिए आपको खुशी होगी।’


नहेम्याह ने बहुत कुछ हासिल किया लेकिन वह लोगों के हृदय को नहीं बदल सका। उन्होंने वायदा किया था कि वे पूरे दिल से प्रभु को समर्पित रहेंगे, लेकिन वे ऐसा करने में असफल रहे (नहेम्याह 10:30 की तुलना 10:23 से; 10:31 की तुलना 10:16 से; 10:39 की तुलना 13:11 से कीजिये)। मनुष्य के पाप करने की समस्या अब भी बनी हुई थी।


नहेम्याह उन्हें चेतावनी देता है (13:15,21)। वह उन्हें डांटता है (वव. 17,25)। वह चाहता था कि वे शुद्ध रहें (वव. 22,30), लेकिन यह व्यर्थ है। नहेम्याह का निराश होना हमें यीशु की ओर इशारा करता है, केवल यीशु ही मनुष्य के हृदय की समस्या से और हमारे पाप से निपट सकते हैं।


बारबार, नहेम्याह प्रार्थना करता है कि, ‘मुझे स्मरण रख’ (वव. 14,22,31)। वह कृपा पाने के लिए स्मरण दिलाना चाहता है क्योंकि उसने विश्वासपूर्वक परमेश्वर की सेवा की थी। लेकिन वह तुरंत परमेश्वर की दया और प्रेम पर विश्वास करने लगता है: ‘हे मेरे परमेश्वर! मेरे हित के लिये यह भी स्मरण रख और अपनी बड़ी करुणा के अनुसार मुझ पर तरस खा’ (व. 22)।


हमारी तरह नहेम्याह को भी परमेश्वर के प्रेम और दया की जरूरत थी, जिसे हमारी खातिर यीशु की मृत्यु के द्वारा असाधारण रूप से दर्शाया गया। जैसाकि पौलुस ने रोमियों के लिए लिखा था, ‘परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रकट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा’ (रोमियों 5:8)।



प्रभु, आपको धन्यवाद कि हम नये स्वर्ग में सदा के लिए आपके महान प्रेम का आनंद लेंगे। आपको धन्यवाद कि यीशु के मारे जाने और फिर से जी उठने के द्वारा मैं इस वक्त आपके प्रेम हूँ जिसे पवित्र आत्मा के द्वारा मेरे हृदय में उंडेला गया है। प्रभु यीशु, सदा के लिए आपके नाम को स्तुती देता हूँ!


Pippa Adds



भजनसंहिता 150:1-6


यह भजन बारह बार ‘स्तुती’ कहता है। परमेश्वर ने हमारे लिए जो कुछ भी किया है उसके लिए उनकी स्तुती करते हुए इस वर्ष की समाप्ति करना अच्छा है।



References



जॉयस मेयर, द एवरीडे लाइफ बाइबल, (फेथवर्ड्स, 2013) प. 750

जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।

जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। ([www.Lockman.org](http://www.Lockman.org))

जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।
दिन 365

इस योजना के बारें में

निक्की गम्बेल के साथ एक साल में बाईबल 2024

यह योजना एक वाचक को पुरे साल में प्रति दिन वचनों की परिपूर्णता में, पुराने नियम, नये नियम, भजनसंहिता और नीतिवचनोंको पढ़ने के सात सात ले चलती हैं ।

हम इस योजना को प्रदान करने के लिए Nicky & Pippa Gumbel को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: bible.alpha.org/hi/

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