YouVersion Logo
Search Icon

Plan info

परमेश्वर का सम्पर्क - पुराने नियम की यात्रा (भाग 4 - भविष्यद्वक्ताओं का यु्ग)Sample

परमेश्वर का सम्पर्क - पुराने नियम की यात्रा (भाग 4 - भविष्यद्वक्ताओं का यु्ग)

DAY 4 OF 9

# यिर्मयाह, यहोवा फेंकता है हम प्राय देखते हैं कि लोगों के जीवन में मसीह को लाने का प्रयास करने पर हमारे साथ बैरियों सा व्यवहार किया जाता है। यिर्मयाह राजाओं के सामने प्रचार करता है,और बेकार में ही उसे घोर दण्ड,भूख और अन्ततः मृत्यु का सामना करना पड़ता है। यिर्मयाह का अर्थ है, “यहोवा फेंकता है”। उसका जीवनकाल निर्वासन और उससे पहले के दौर में बीता था। एक ओर वह परमेश्वर के न्याय की घोषणा करता है (यिर्मयाह1-39)लेकिन उसके साथ ही साथ विश्वास भी दिलाता है कि यह केवल पवित्रीकरण के लिए किया जा रहा है और वह मसीह में आशा का भी अनावरण करता है (यिर्मयाह40-52,विलापगीत3)। यिर्मयाह को शुद्ध किया गया अन्य प्रमुख भाविष्यद्वक्ताओं के समान उसकामुँह भी शुद्ध किया जाता है। परमेश्वर ने मेरे होठों को छुआ और कहा..“देख मैं ने अपने वचन तेरे मुंह में डाल दिये हैं।” यिर्मयाह और कुम्हार जब भी कभी कोई बर्तन बनाते समय बिगड़ जाता है कुम्हार उसे फिर से बनाना प्रारम्भ कर देता है। यह इस्राएल राष्ट्र को दर्शाता है जिस पर परमेश्वर बार बार कार्य कर रहे हैं (यिर्मयाह33:1-6)-अर्थात मुँह फेर लेता है,इलाज करता तथा उसे चंगा करता है। परमेश्वर का प्रश्न“क्या मैं भी उस कुम्हार के समान,इस्राएल के समान नहीं कर सकता?”हम पर भी लागू होता है। यिर्मयाह यिर्मयाह19:1में महायाजक और प्राचीन जाकर कुम्हार से एक सुराही मोल लेते हैं- जो उनके विरूद्ध परमेश्वर के न्याय का चिन्ह है। यिर्मयाह19:10में शत्रुओं के सामने लाकरखरीदी गयी सुराही का तोड़ा जाना यरूशलेम के नाश को दर्शाता है। मत्ती मत्ती17:1में प्रधानयाजकोंऔर लोगों के पुरनियों ने यीशु को मार डालने की सम्मति की- जो कि परमेश्वर के न्याय का चिन्ह था। मत्ती26:15व27:3,5में यहूदा ने यीशु कोतीस चांदी के सिक्कों के लिए बेच डाला और फिर उन तीसचांदी के सिक्कों को मन्दिर में प्राचीनों को फेर आया। यिर्मयाह तैयार था परमेश्वर उसे इस संसार की कड़ी चुनौतियों का सामना करने हेतू तैयार करने के लिए- कठिनाईयों और क्लेशों को गले लगाने के लिए कहते हैं।“तू जो प्यादों के ही संग दौड़कर थक गया है तो घोड़ों के संग कैसे बराबरी कर सकेगा?”यिर्मयाह12:5 यिर्ममाय,प्रार्थना,प्रचार और विलाप करता है (विलापगीत1,4) वह इस्राएल की दशा को धारण करता है,लेकिन फिर भी उन्हें निराशा में आशा प्रदान करता है। (विलापगीत3:22,23) यिर्मयाह भविष्यद्वक्ताओं की लोकप्रियता को चकनाचूर कर देता है “इन भविष्यद्वक्ताओं की बातों की ओर जो तुम से भविष्यद्वाणी करते हैं कान मत लगाओ,क्योंकि वे तुम को व्यर्थ बाते सिखाते हैं;ये दर्शन का दावा करके यहोवा के मुख की नहीं,अपने ही मन की बातें कहते हैं। जो लोग मेरा तिरस्कार करते हैं उनसे ये भविष्यद्वक्ता सदा कहते रहते हैं कि यहोवा कहता है, ‘तुम्हारा कल्याण होगा’..(यिर्मयाह23:16,27– मेसेज अनुवाद) यिर्मयाह भविष्यद्वाणी करता है * यीशु के न्याय के बारे में (यिर्मयाह33:15) * यहूदियों के सताव,महान क्लेशों के बारे में (यिर्मयाह30:7) * नई वाचा के बारे में (यिर्मयाह31:33) * मसीह को दण्डवत करने के लिए जाति जाति के लोगों के एकत्र होने के बारे में (यिर्मयाह3:17) * अच्छे चरवाहों के सम्बन्ध में (यिर्मयाह23:3,4) * इस्राएल को एकत्र करने के सम्बन्ध में (यिर्मयाह23:7,8) क्या हम इस संसार और कलीसिया में बैठे हुए झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ टक्कर लेने के लिए अपने कौशल पर शान चढ़ा रहे हैं?क्या हम किसी भी कीमत पर परमेश्वर के वचनों के प्रति सच्चे बने रहते हैं?
Day 3Day 5

About this Plan

परमेश्वर का सम्पर्क - पुराने नियम की यात्रा (भाग 4 - भविष्यद्वक्ताओं का यु्ग)

राजाओं के असफल होने के कारण भविष्यद्वक्ताओं के बारे में अधिक चर्चा की जाने लगी, जो अगुवों और परमेश्वर के जनों को परमेश्वर द्वारा किये जाने वाले न्याय के प्रति चेतावनी देने लगे। एक सच्चे भविष्यद्वक्ता के विरूद्ध बहुत से झ...

More

YouVersion uses cookies to personalize your experience. By using our website, you accept our use of cookies as described in our Privacy Policy