YouVersion Logo
Search Icon

Plan info

जीतने वाली प्रवृति Sample

जीतने वाली प्रवृति

DAY 5 OF 8

जीतने वाली प्रवृति 5 - दया मत्ती 5:7 "धन्य हैं वे, जो दयावन्त हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी।" दया न सिर्फ राजा की वरन स्वयं परमेश्वर की महत्वपूर्ण विशेषता है। यूनानी भाषा में इलिऑस और इब्रानी भाषा में हेसेद का अर्थ प्रेम होता है। प्रेम स्थिर होता है, चाहे कुछ भी हो जाए, वह रिश्ते को हमेशा जीवित बनाए रखता है। अंग्रेज़ी की परिभाषा निश्चित तौर पर भलाई के कामों को दर्शाती है। उदाहरण के लिए, कंगालों और दुःखद अवस्था में पड़े लोगों के साथ उदारता और प्रेम के साथ व्यावहार करना।  मदर टेरेसा पूरे संसार भर में अपनी भलाई के लिए तथा ठुकराये गये लोगों को गले से लगाने के लिए जानी जाती हैं। भिन्न धर्मों, जातियों और संस्कृतियों और बहुत से लोगों ने उनके पद चिन्हों पर चलने का प्रयास किया। लेकिन दया का एक और पहलू है जो धन्य ठहरने का निचोड़ है। वह आत्मा के लिए दया है। जो लोग परमेश्वर के साथ सम्बन्ध नहीं बना पा रहे हैं उनके प्रति अपने प्रेम और सहारे को प्रगट करें। इससे उन आत्माओं को बहुत विश्राम मिलता है जो जख्मी और मरने के कगार पर हैं और उन्हें बेताबी से उस चंगाई का इन्तज़ार रहता है जो मसीह ने कलवरी क्रूस पर अपने लहू और अपनी मृत्यु के द्वारा हमारे लिए खरीदी थी। जो लोग कमज़ोर हैं लेकिन बड़ रहे हैं, यह उन तक पहुंच कर उन्हें संशक्त करती और उन्हें परमेश्वर के वचनों और प्रार्थनाओं के द्वारा तैयार करती है। यह लोगों के जीवनों को परामर्श देने,फटकारने, प्रार्थना करने और क्षमा करने और उन्हें दिलासा देने के द्वारा छूती है। यह मसीह के द्वारा परमेश्वर की दया को प्रदान करता है - जो मुफ्त,सर्वश्रेष्ठ,बहुतायत की और अनन्त है। यह दया केवल उन लोगों से ही प्राप्त हो सकती है जिनमें मसीह रहता और राज्य करता है और जो पवित्र आत्मा के चलाए चलते हैं। जिनके भीतर आत्माओं को जीतने का दर्शन है और जो केवल बाहरी रूप को नहीं देखते हैं, वे ही लोग इस दया के योग्य हैं। इस वाक्य का दूसरा भाग "क्योंकि उन पर भी दया की जाएगी" हमें इस बात को याद दिलाता है  कि हम सभी को परमेश्वर की दया की जरूरत हैं; तथा हम केवल परमेश्वर की दया को दूसरों में स्थानान्तरित करने वाले हैं न कि दया देने वाले। जितना ज्यादा हम दूसरों पर दया करते हैं, उतनी ही दया हमारी उद्धार पायी हुई आत्मा पर की जाती है, लेकिन उसे अभी धन्य बनने व सिद्धता को प्राप्त करने की अवस्था तक पहुंचने के लिए दया की आवश्यकता होती है। दया केवल अपने तक ही सीमित रखी जाने वाली वस्तु नहीं है उसे दूसरों में बांटा जाना जरूरी है, तब हम "उस अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्धकर चल सकते हैं, कि हम पर दया हो, और हम वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे।" इब्रानियों 4:16 । क्या हमारे पास वह गहन आत्मिक नज़रिया है जो जरूरत मन्द आत्माओं को देख पता है ? क्या हम लोगों की इन ज़रूरतों को पूरा करने के लिए एक मील अतिरिक्त चलने के लिए तैयार हैं? क्या हम मसीह की ओर से दया के राजदूत की सम्मानजनक भूमिका को सम्भालने के लिए पर्याप्त मात्रा में विश्वासयोग्य हैं? There is an audio attachment for this devotional. You can [ download the audio ](https://plan-audio-cdn.youversionapi.com/uploads/supplemental-audio/4b2e98d6-7d4e-4147-8866-43d30f508c83.mp3) if you wish.
Day 4Day 6

About this Plan

जीतने वाली प्रवृति

खुशी क्या है? सफलता? भौतिक लाभ? एक संयोग? ये मात्र अनुभूतियां हैं। प्रायः खुशी के प्रति अनुभूति होते ही वह दूर चली जाती है। यीशु सच्ची व गहरी खुशी व आशीष को परिभाषित करते हैं। वह बताते हैं कि आशीष निराश नहीं वरन जीवन रूप...

More

YouVersion uses cookies to personalize your experience. By using our website, you accept our use of cookies as described in our Privacy Policy