योजना की जानकारी

मिशन का जीवननमूना

मिशन का जीवन

दिन 4 का 5

पापियों को अनदेखा न करें


मिशन का जीवन जीना कुछ ऐसा है, की दूसरों को समझने का समय देना होता है। लोगों का विश्वास से इनकार अक्सर धार्मिक लोगों के साथ बुरे अनुभवों का कारण हो जाता हैं।

वे महसूस करते हैं की उनका न्याय किया जा रहा है। यीशु ने कहा, “1 दोष मत लगाओ, कि तुम पर भी दोष न लगाया जाए। 2 क्योंकि जिस प्रकार तुम दोष लगाते हो, उसी प्रकार तुम पर भी दोष लगाया जाएगा; और जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिये भी नापा जाएगा। (मती 7:1-2)। अफसोस की बात है कि धार्मिक संस्कृति न्यायिक हो सकती है और जब आप उनमें लिप्त होतें है तो यह देख पाना आसान नहीं होता। अक्सर न्यायिक होने को रोकना मुश्किल हो सकता है, क्यूंकि सही और गलत हमारी सोच में ही है।

जुदाह स्मिथ, अपनी किताब में, “यीशु ________ है” इस सोच के बारें में लिखते है:

“मैं सही कर रहा हूँ इसका आश्वासन मैं अपने आपको कुछ इस तरह देता हूँ, मैं अपने जीवन के स्तर के लिए कुछ नियम बनाता हूँ, और फिर उनके आधार पर में आपका न्याय करता हूँ। अगर आप मेरे नियमों पर चलते है,तो आप अच्छे है और अगर नहीं, तो आप बुरे है। और अगर मेरे नियमों से ज्यादा कड़े आपने नियम है तो आप पाखंडी हो सकते है, और आपको थोडा हल्का होने की अवशाकता है।”

जुदाह यह मानतें है कि उनका ऐसा सोचना गलत है। क्या आपने कभी ऐसा सोचा है?

आप अपने आप को बेहतर महसूस करानें के लिए अपने नियम बनाकर खुद को भ्रम में डाल सकतें हैं क्यूंकि आप दूसरों से ज्यादा बुरें नहीं होंगे – क्यों, सही है न ? परमेश्वर कहतें है कि सब ने पाप किया, और हम सब अपने लक्ष्य से दूर हो गए।

अगर आप यह समझ जातें है, तो पापियों से दूर होने की अवशाकता नहीं होगी। परन्तु, और ज्यादा बढकर हमें उनके साथ संगति करने की ज़रूरत है। सब ने, आप ने भी पाप किया है, और यीशु की दया की अवशाकता है। अंतर यह कि आप अब उस करुणा के स्रोत से जुड़े है।

आप परमेश्वर के बिना कितने अधूरे या असक्षम है यह है ईमानदारी से अपने विश्वास को बाँटना और उत्तम सन्देश यह है कि यीशु फिर भी सबकों अपने परिवार में जोड़ने की इच्छा रखतें है।

अगर आप नियम रखते है और दूसरों का न्याय करते हैं ताकि अपने आप को अच्छा महसूस करा सकें, तो आप गलत सुसमाचार का प्रचार कर रहे है।

पवित्र शास्त्र

दिन 3दिन 5

इस योजना के बारें में

मिशन का जीवन

मिशन का जीवन जीना कैसा होता है ? यीशु के प्रति जीवन को आत्मसमर्पण करने की संभावनाओं और साहस की , और पवित्र आत्मा के द्वारा चलना कैसा होता है इन सब बातों के लिए खोज करें। इस मिशन को , क्या आप इसे स्वीकार करने का चुनाव करत...

More

हम इस योजना को प्रदान करने के लिए हां का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://www.yesheis.com/

YouVersion आपके अनुभव को वैयक्तिकृत करने के लिए कुकीज़ का उपयोग करता है। हमारी वेबसाइट का उपयोग करके, आप हमारी गोपनीयता नीति में वर्णित कुकीज़ के हमारे उपयोग को स्वीकार करते हैं।