लूका 1:1-13

लूका 1:1-13 HINOVBSI

बहुतों ने उन बातों का जो हमारे बीच में बीती हैं, इतिहास लिखने में हाथ लगाया है, जैसा कि उन्होंने जो पहले ही से इन बातों के देखनेवाले और वचन के सेवक थे, हम तक पहुँचाया। इसलिये, हे श्रीमान् थियुफिलुस, मुझे भी यह उचित मालूम हुआ कि उन सब बातों का सम्पूर्ण हाल आरम्भ से ठीक–ठीक जाँच करके, उन्हें तेरे लिये क्रमानुसार लिखूँ ताकि तू यह जान ले कि वे बातें जिनकी तू ने शिक्षा पाई है, कैसी अटल हैं। यहूदिया के राजा हेरोदेस के समय अबिय्याह के दल में जकरयाह नाम का एक याजक था, और उसकी पत्नी हारून के वंश की थी जिसका नाम इलीशिबा था। वे दोनों परमेश्‍वर के सामने धर्मी थे, और प्रभु की सारी आज्ञाओं और विधियों पर निर्दोष चलनेवाले थे। उनके कोई भी सन्तान न थी, क्योंकि इलीशिबा बाँझ थी, और वे दोनों बूढ़े थे। जब वह अपने दल की पारी पर परमेश्‍वर के सामने याजक का काम करता था, तो याजकों की रीति के अनुसार उसके नाम पर चिट्ठी निकली कि प्रभु के मन्दिर में जाकर धूप जलाए। धूप जलाने के समय लोगों की सारी मण्डली बाहर प्रार्थना कर रही थी। उस समय प्रभु का एक स्वर्गदूत धूप की वेदी की दाहिनी ओर खड़ा हुआ उसको दिखाई दिया। जकरयाह देखकर घबराया और उस पर बड़ा भय छा गया। परन्तु स्वर्गदूत ने उससे कहा, “हे जकरयाह, भयभीत न हो, क्योंकि तेरी प्रार्थना सुन ली गई है; और तेरी पत्नी इलीशिबा से तेरे लिये एक पुत्र उत्पन्न होगा, और तू उसका नाम यूहन्ना रखना।

YouVersion आपके अनुभव को वैयक्तिकृत करने के लिए कुकीज़ का उपयोग करता है। हमारी वेबसाइट का उपयोग करके, आप हमारी गोपनीयता नीति में वर्णित कुकीज़ के हमारे उपयोग को स्वीकार करते हैं।